UPI Rules: अगर आप भी पेटीएम, फोनपे या गूगल पे जैसे UPI ऐप्स से रोज़ाना पैसे भेजते या खाते का बैलेंस चेक करते हैं, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। 1 अगस्त 2025 से देशभर में UPI से जुड़े नए नियम लागू होने जा रहे हैं। ये नियम नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा तय किए गए हैं, ताकि पेमेंट सिस्टम पर दबाव कम हो और लेन-देन पहले से ज्यादा तेज़ और सुरक्षित हो सके।
यह बदलाव आपके रोज़मर्रा के लेन-देन को थोड़ा प्रभावित कर सकते हैं, खासतौर पर अगर आप दिन में कई बार बैलेंस चेक करते हैं या बार-बार स्टेटस रिफ्रेश करते हैं।
1. अब दिन में सिर्फ 50 बार बैलेंस चेक कर सकेंगे
नई व्यवस्था के मुताबिक, कोई भी UPI यूजर एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैंक बैलेंस चेक कर सकेगा। इसके साथ ही, फोन नंबर से लिंक बैंक खातों की डिटेल्स भी सिर्फ 25 बार ही देखी जा सकेगी।
NPCI का कहना है कि कई लोग बार-बार बैलेंस चेक या स्टेटस अपडेट करते हैं, जिससे UPI सर्वर पर बहुत ज्यादा लोड पड़ता है और पेमेंट में देरी या फेल जैसी समस्याएं आती हैं। इसीलिए अब लिमिट तय की गई है।
2. UPI AutoPay अब तय समय पर ही होगा
अगर आपने बिजली बिल, EMI या नेटफ्लिक्स जैसी किसी सर्विस का AutoPay ऑन कर रखा है, तो अब वो पेमेंट दिनभर कभी भी नहीं, बल्कि तय समय स्लॉट में ही कटेगा।
हालांकि इससे आपके पेमेंट पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन इस बदलाव से UPI सिस्टम को ट्रैफिक संभालने में मदद मिलेगी और सिस्टम डाउन या फेलियर की घटनाएं कम होंगी।
3. सभी UPI यूजर्स पर लागू होंगे नए नियम
चाहे आप दिन में एक बार UPI से पेमेंट करते हों या बीस बार, ये सभी नियम हर किसी पर लागू होंगे।
अगर आप जरूरत पड़ने पर ही बैलेंस चेक करते हैं, तो शायद आपको ज्यादा फर्क महसूस न हो। लेकिन जो यूजर दिनभर बार-बार रिफ्रेश करते हैं, उनके लिए यह बदलाव बड़ा साबित हो सकता है।
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4. एक बार में कितना पैसा भेज सकते हैं? कोई बदलाव नहीं
UPI से ट्रांजैक्शन लिमिट पहले जैसी ही रहेगी।
- 1 लाख रुपये तक आप सामान्य ट्रांजैक्शन में भेज सकते हैं।
- 5 लाख रुपये तक की लिमिट हेल्थ और एजुकेशन से जुड़ी पेमेंट्स के लिए है।
1 अगस्त से इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है।
क्यों लाए गए हैं ये बदलाव?
NPCI का कहना है कि इन कदमों से UPI सिस्टम और मजबूत बनेगा। ज्यादा ट्रैफिक से सर्वर स्लो हो जाता है, जिससे पेमेंट फेल होते हैं। नई लिमिट्स से सिस्टम को अनावश्यक लोड से बचाया जा सकेगा, और आम लोगों को बेहतर अनुभव मिलेगा।
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निष्कर्ष – आपके लिए क्या मायने रखते हैं ये बदलाव?
अगर आप UPI का सीमित उपयोग करते हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है। लेकिन बार-बार बैलेंस चेक या स्टेटस अपडेट करने की आदत है, तो अब थोड़ा संयम बरतना होगा।
1 अगस्त 2025 से ये नियम लागू हो जाएंगे, इसलिए अभी से नई व्यवस्था की तैयारी शुरू कर दें।